लंकापति रावण एक महान राक्षस था। लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हैं कि रावण एक महान पंडित था ? लंकापति रावण का वो मंत्र जिसे मात्र एक बार जप करने से आपको धनवान बनने से कोई भी नहीं रोक सकता। जी हां यदि आप सुबह होते ही इन मंत्रो का एक बार जाप कर लेते हैं तो आप सभी लोगों के घरों में कभी भी धन की कमी नहीं होगी। तो रावण कौन कौन से मंत्रो का जाप करता था कि उसके ऊपर हमेशा लक्ष्मी मां प्रसन्न रहती थी। आपको इस लेख के माध्यम से पूरी जानकारी विस्तार से बताने वाले है। तो आप लोग इस लेख को पूरा अंत तक जरूर पढ़ें।
Astrology: हर रोज करें इन मंत्रो का जाप, घर में कभी भी नहीं होगी धन की कमी
जी हां दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि रावण भगवान शिव की पूजा करता था। और उसे ऐसे-ऐसे मंत्रो की जानकारी थी कि भगवान शिव भी उनके ऊपर प्रसन्न हो जाती थी और जैसा कि आप जानते होंगे कि शिव जी प्रसन्न होकर रावण को सोने की लंका दिए थे। आपको यह जानने के बाद हैरानी होगी कि रावण ने ही शिव तांडव स्त्रोत की रचना की थी। रावण संहिता में रावण ने तंत्र मंत्र के बारे में लिखा है। इसमें रावण ने देवताओं और यक्ष यक्षणियों से किस प्रकार लाभ लेते थे। इन बातों का भी उल्लेख किया है। इन्हीं में धनवान बनने के मंत्रों के बारे में भी रावण ने लिखा है।
हर रोज सुबह उठते ही करे यह जाप
‘ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा॥’
जिसके भी घर में धन की कमी रहती है, वह प्रतिदिन रोज सुबह उठते ही 108 बार इस मंत्र का जाप करे। उसके घर में धन की बारिश हमेशा होती रहेगी।
विजयादशमी के दिन करें यह जप
‘लां लां लां लंकाधिपतये लीं लीं लीं लंकेशं लूंलूंलूं लोह जिव्हां, शीघ्रं आगच्छ आगच्छ चद्रंहास खडेन मम शश्रुन विरदारय विदारय मारय मारय काटय काटय हूं फट स्वाहा’
यह मंत्र लंका पति रावण ने खुद लिखा था। विजयादशमी के दिन दहन के समय जो भी जातक 108 बार इस मंत्र का जाप करेगा, उसे भी रावण की तरह भौतिक सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी।
खोए हुए धन के लिए करें, इस मंत्र का करें जाप
‘ॐ नमो विघ्नविनाशाय निधि दर्शन कुरु कुरु स्वाहा।’
इस मंत्र का जाप अगर आप महीने में 100 बार कर लेते हैं तो आपका खोया हुआ धन, उधार दिया हुआ धन आपको वापस मिल जाएगा।